रुड़की, हरिद्वार,उत्तराखंड
आज दिनांक 26 जुलाई 2024 को 84 उत्तराखंड बटालियन एनसीसी, रुड़की के कमान अधिकारी कर्नल रामाकृष्णन रमेश के दिशा निर्देशन में “कारगिल विजय दिवस” के अवसर प़र अमर शहीदों की याद में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया | उन्होंने अपने संदेश में कहा कि वीर साहसी योद्धाओं की शहादत को शत-शत नमन जिन्होंने कारगिल युद्ध को अपने गौरवशाली अंत तक पहुंचाने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया | बटालियन के ट्रेनिंग अधीक्षक रवि कपूर ने बताया कि इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कैप्टन अजय कौशिक के नेतृत्व में बटालियन के 200 से अधिक एनसीसी कैडेटस द्वारा “भारत माता की जय” के उद्घोष के साथ बटालियन परिसर से रुड़की मुख्य बाजार में मार्च किया गया साथ ही आज़ाद हिंद फौज के सेनापति अमर शहीद नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की प्रतिमा के सम्मुख एनसीसी कैडेटस द्वारा कैंडल जलाकर भारत माता के वीर सपूतों की शहादत को नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी गई |कैप्टन अजय कौशिक द्वारा एनसीसी कैडेट को संबोधित करते हुए बताया गया कि
हर साल
, स्वतंत्र भारत के सभी देशवासियों के लिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिवस है और इस वर्ष कारगिल विजय के 25 वर्ष पूर्ण होने के फलस्वरूप रजत जयंती मनाई जा रही है । इस दिन भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था जो लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई के दिन उसका अंत हुआ और इसमें भारत विजयी हुआ । कारगिल विजय दिवस, युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों के सम्मान में मनाया जाता है । इतिहास के मुताबित दोनों देशों द्वारा परमाणु परीक्षण के कारण तनाव और बढ़ गया था एवं स्थिति को शांत करने के लिए दोनों देशों ने फरवरी 1999 में लाहौर में घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए जिसमें कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय वार्ता द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से हल करने का वादा किया गया था लेकिन पाकिस्तान ने अपने सैनिकों और अर्ध-सैनिक बलों को छिपाकर नियंत्रण रेखा के पार भेजने लगा और इस घुसपैठ का नाम “ऑपरेशन बद्र” रखा था ।भारत मे इसे घुसपैठ मान लिया था और दावा किया गया कि इन्हें कुछ ही दिनों में बाहर कर दिया जाएगा लेकिन नियंत्रण रेखा में खोज के बाद इन घुसपैठियों के नियोजित रणनीति के बारे मे पता चला जिससे भारतीय सेना को एहसास हो गया कि हमले की योजना बहुत बड़े पैमाने पर की गयी है । इसके बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन विजय नाम से लगभग 2,00,000 सैनिकों को कारगिल क्षेत्र मे भेजा । यह युद्ध आधिकारिक रूप से भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस और अभूतपूर्व शौर्य और बलिदान की गाथाओं के साथ विजय मनाता हुआ 26 जुलाई 1999 में समाप्त हुआ ।इस अवसर पर कैप्टन विशाल शर्मा, लेफ्टिनेंट (डॉ) नवीन कुमार, नायाब सूबेदार मनबर सिंह, हवलदार राजेश, प्रदीप, केशवानंद, एसयूओ सुमन जोशी, गुलसन, विवेक, खुशी पंवार, अमीषा धामी, ज्योतिर्मय सपरा, अनंत चौहान, प्रांजल, प्रिया कोरी, अनंत चौहान, अनमोल चौहान, ग्रेटल शर्मा, प्रियंका, साक्षी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे|
सह संपादक डॉक्टर आलोक कुमार द्विवेदी गुजरात प्रवासी न्यूज़ रुड़की हरिद्वार
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