गुजरात की राजनीति में एक नई चर्चा उभरी है, जिसमें यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जिग्नेश मेवानी को राज्य कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया जा सकता है। हालांकि, यह मामला अभी तक अटकलों तक ही सीमित है और इस पर आधिकारिक पुष्टि का इंतजार किया जा रहा है।
अश्विन अग्रवाल,अहमदाबाद
जिग्नेश मेवानी, जिन्होंने 2017 में वडगाम विधानसभा सीट से विधायक के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी, दलित अधिकारों और सामाजिक न्याय के पक्षधर रहे हैं। वर्तमान में वे गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी (GPCC) के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर कार्यरत हैं। हाशिए पर पड़े समुदायों और खासकर युवाओं में उनकी गहरी पहचान है। उनका नेतृत्व कांग्रेस को बीजेपी के मजबूत वर्चस्व को चुनौती देने के लिए नई दिशा दे सकता है।
हालांकि, जिग्नेश मेवानी के लिए यह पद संभालना सरल नहीं होगा। पार्टी के भीतर आंतरिक प्रतिस्पर्धा और बड़े संगठन का नेतृत्व करने का अनुभव की कमी उनके सामने बड़ी चुनौतियाँ हो सकती हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोषी ने इस विषय पर टिप्पणी करते हुए कहा कि फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन पार्टी के कई नेता इस संभावना के प्रति सकारात्मक रुख दिखा रहे हैं। पार्टी हाईकमान, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं, इस फैसले में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। अगर कांग्रेस 2027 विधानसभा चुनावों से पहले युवा और आक्रामक नेतृत्व की दिशा में कदम बढ़ाती है, तो मेवानी एक मजबूत विकल्प हो सकते हैं।
गुजरात में बीजेपी का संगठनात्मक ढांचा और संसाधन बहुत मजबूत हैं, जो मेवानी के लिए चुनौती को और भी कठिन बना सकते हैं। उन्हें चुनावी रणनीति और फंड जुटाने के अलावा जातिगत समीकरणों का भी ख्याल रखना होगा। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या वे पार्टी में सभी वर्गों को एकजुट कर पाएंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर मेवानी कांग्रेस के अध्यक्ष बनते हैं, तो इससे पार्टी को नई ऊर्जा और दिशा मिल सकती है। हालांकि, इसके लिए उन्हें पार्टी में एकजुटता बनाए रखनी होगी और अपनी नेतृत्व क्षमता को और बेहतर करना होगा।
इसी बीच, राहुल गांधी ने 7 और 8 मार्च को गुजरात दौरे के दौरान यह साफ कहा था कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने और बीजेपी के खिलाफ संघर्ष को तेज़ करने का समय आ गया है। उन्होंने यह भी संकेत दिया था कि पार्टी में कुछ नेताओं की छुट्टी भी हो सकती है।
गुजरात कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी बैठक 7 और 8 अप्रैल को प्रस्तावित है, और इसके बाद इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाए जाने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल, यह चर्चा सिर्फ अटकलों तक सीमित है, या भविष्य में कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है।
गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शैलेष परमार, पूर्व विधायक गयासुद्दीन शेख, और दलित सेल के हितेन्द्र पिठडीया से इस मामले पर संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से बचते हुए दिखाई दिए।
गुजरात प्रवासी न्यूज़ अहमदाबाद