लखनऊ। गायत्री ज्ञान मंदिर, इंदिरा नगर लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत एक प्रेरणादायी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लखनऊ की माननीय महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल जी के पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों वाले 455वें युगऋषि वाङ्मय की स्थापना सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई।


यह वाङ्मय स्थापना श्रीमती उषा सिंह द्वारा अपने पूज्य माता-पिता स्वर्गीय श्रीमती कलावती देवी एवं स्वर्गीय श्री रविन्द्र प्रताप सिंह की पुण्य स्मृति में की गई। इस अवसर पर महापौर के पुस्तकालय को युगऋषि वाङ्मय साहित्य भेंट किया गया। साथ ही महापौर कार्यालय के स्टाफ एवं महापौर से मिलने आए आगन्तुकों को अखण्ड ज्योति पत्रिका (हिन्दी एवं अंग्रेजी) तथा नववर्ष का पंचांग भी वितरित किया गया।


कार्यक्रम में वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक श्री उमानंद शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि “ज्ञानदान पूर्वजों की स्मृति में सच्ची श्रद्धांजलि है।” उन्होंने कहा कि युगऋषि वाङ्मय मानव जीवन को सद्मार्ग की ओर प्रेरित करने वाला अमूल्य साहित्य है, जो समाज में नैतिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जागरण का कार्य करता है।


इस अवसर पर माननीय महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गायत्री परिवार द्वारा संचालित ज्ञान यज्ञ अभियान समाज के लिए अत्यंत लोक-कल्याणकारी है। इस प्रकार के प्रयासों से युवाओं, कर्मचारियों एवं आम नागरिकों को सकारात्मक सोच और जीवन मूल्यों की दिशा मिलती है।
वाङ्मय स्थापना कार्यक्रम में गायत्री ज्ञान मंदिर के प्रतिनिधि श्री उमानंद शर्मा, श्रीमती उषा सिंह, श्री वी.के. श्रीवास्तव, श्री देवेन्द्र सिंह, श्रीमती सावित्री शर्मा सहित महापौर से मिलने आए आगन्तुक एवं कार्यालय स्टाफ उपस्थित रहे। सभी ने इस पुनीत कार्य की सराहना करते हुए इसे समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
रिपोर्ट : गुजरात प्रवासी न्यूज़

