( अश्विन अग्रवाल)
अहमदाबाद में हाल ही में हुए अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) सत्र में कांग्रेस ने “नया गुजरात, नया कांग्रेस” नामक एक संकल्प पास । सुनने में तो यह किसी बॉलीवुड फिल्म के टाइटल जैसा लगता है, लेकिन जरा गहराई में जाएं तो पता चलता है कि यह स्क्रिप्ट पुरानी है—बस किरदारों के कपड़े बदल गए हैं। यह पहली बार है जब कांग्रेस ने किसी राज्य के लिए खास संकल्प पेश किया हो। वाह, क्या इनोवेशन है! गुजरात, जो पिछले 30 साल से बीजेपी का अड्डा बना हुआ है, अब कांग्रेस की नजरों में “सपनों का नया शहर” बनने जा रहा है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह संकल्प सचमुच बीजेपी के किले को ढहा पाएगा, या फिर यह बस एक और हवाई महल है, जिसे बनाने में कागज और स्याही ही खर्च होगी?
गुजरात में बीजेपी का दबदबा ऐसा है कि ग्राम पंचायत से लेकर विधानसभा तक, हर जगह उनका झंडा लहराता है। 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 156 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया, वहीं कांग्रेस 17 पर सिमट गई—और अब तो वह संख्या भी 10 के आसपास झूल रही है। 14,000 से ज्यादा ग्राम पंचायतों, जिला पंचायतों, तालुका पंचायतों, नगर पालिकाओं और महानगर पालिकाओं में बीजेपी का 80% से ज्यादा कब्जा है। दूसरी तरफ, कांग्रेस का संगठन ऐसा है कि अगर उसे “संगठन” कहें, तो शायद शब्दकोश भी शर्मिंदा हो जाए। फिर भी, “92+ सीटें” का सपना देखना? अरे भाई, सपने देखने की कोई टैक्स थोड़े लगता है, लेकिन हकीकत में उतरने के लिए जमीनी मेहनत चाहिए, जो कांग्रेस के पास दूर-दूर तक नहीं दिखती।
गुजरात का सहकारिता क्षेत्र, अमूल जैसी डेयरियां, सहकारी बैंक, और कृषि समितियां कभी कांग्रेस की ताकत हुआ करता था। लेकिन अब? बीजेपी ने इसे अपने कब्जे में ले लिया है। पटेल समुदाय, जो इस सेक्टर की रीढ़ है, अब बीजेपी का वफादार सिपाही बन चुका है। 2015 का पटेल आरक्षण आंदोलन भी बीजेपी के लिए बस एक छोटी सी चुनौती साबित हुआ, जिसे उन्होंने चुटकियों में निपटा दिया। कांग्रेस अब सहकारिता में अपनी पुरानी साख को याद करके बस आंसू बहा सकती है। बीजेपी का यह किला इतना मजबूत है कि इसे तोड़ने के लिए कांग्रेस को बुलडोजर चाहिए, लेकिन उनके पास तो बस टूटा हुआ फावड़ा है।
राहुल गांधी ने हाल ही में गुजरात में एक सभा में “भीतर धातियों” का राग अलापा। उनका कहना है कि पार्टी में 30-40 ऐसे नेता हैं, जो बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं। अरे वाह, सालों बाद क्या खोज की है राहुल ने! मतलब, बीजेपी को बाहर से हराने की जरूरत ही नहीं, कांग्रेस के अंदर ही उसकी जीत की स्क्रिप्ट लिखी जा रही है। राहुल का यह “शुद्धिकरण” अभियान सुनने में तो क्रांतिकारी लगता है, लेकिन क्या सचमुच ये भीतर धातियों को निकाले जायगे? क्या गद्दारों की कोई सूची तैयार की गई है या फिर यह बस एक और जुमला बनकर रह जाएगा? गुजरात जैसे राज्य में, जहां बीजेपी का संगठन लोहे की तरह मजबूत है, कांग्रेस का यह आंतरिक ड्रामा उसे और कमजोर ही करेगा।
गुजरात में हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण बीजेपी का ट्रंप कार्ड रहा है। अगर कांग्रेस पर “मुस्लिम तुष्टीकरण” का ठप्पा लग गया, तो बहुसंख्यक वोटर और दूर भागेंगे। संकल्प में रोजगार, कर्जमाफी जैसे वादे तो हैं, लेकिन इन्हें लागू करने के लिए जमीनी कार्यकर्ताओं का जाल चाहिए, जो कांग्रेस के पास नहीं है। पटेल, ओबीसी, और शहरी मध्यम वर्ग—ये सारे अब बीजेपी के पाले में हैं। इन्हें वापस लाने की बात करना ऐसा है जैसे कोई कहे कि वह चांद पर खेती करेगा! सपना तो अच्छा है, लेकिन मिट्टी कहां से लाओगे?
राहुल गांधी ने कहा था कि, “जैसे हमने अयोध्या में बीजेपी को हराया, वैसे ही गुजरात में हराएंगे।” अरे भाई, अयोध्या में जो हुआ, वह एक लोकसभा सीट की बात थी, लेकिन गुजरात में पूरा राज्य दांव पर है। नरेंद्र मोदी और अमित शाह के गढ़ में बीजेपी का संगठन ऐसा है कि उसे चुनौती देना किसी साइकिल से टैंक को टक्कर मारने जैसा है। कांग्रेस को चाहिए एक करिश्माई नेता और मजबूत रणनीति, लेकिन अभी तो हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर जैसे नेता और कई सीनियर कांग्रेसी आज बीजेपी की शरण में जा चुके हैं। ऊपर से आंतरिक कलह ने पार्टी को खोखला कर दिया है।
“नया गुजरात, नया कांग्रेस” संकल्प एक खूबसूरत ख्वाब है, लेकिन जमीनी हकीकत से कोसों दूर। 17 से 92+ सीटों तक पहुंचने के लिए चमत्कार चाहिए, और कांग्रेस के पास अभी न तो जादू की छड़ी है, न ही जादूगर। बीजेपी का संगठन, मोदी-शाह की जोड़ी, और विकास की चमक कांग्रेस के लिए पहाड़ जैसी चुनौती है। अगले ढाई साल में अगर कांग्रेस कुछ करिश्मा दिखा पाई, तो शायद 2027 में बात बने। वरना, यह संकल्प बस “मुंगेरीलाल के हसीन सपने” ही रह जाएगा—जो देखने में तो अच्छे लगते हैं, लेकिन सुबह आंख खुलते ही गायब हो जाते हैं।
गुजरात प्रवासी न्यूज़अहमदाबाद
10 Comments
Impressive work! You’ve made an interesting topic even more engaging.
Really enjoyed this! Your writing style is so engaging.
This gave me a lot to think about—thank you for sharing your thoughts!
Clear, concise, and super helpful. Great job!”
Always a pleasure reading your blog. Keep the great content coming!
Thanks for the great read! Very informative and well-written.
Really helpful content — I learned a lot from this!
Great post! I really enjoyed reading this. Your insights were clear and helpful — thanks for sharing!
Really helpful content – thanks for putting this together!
This was a great read! I learned something new today.